Sunday 21 December 2014

तेरे बिना बेस्वाद जी जिन्दगी

तेरे बिना बेस्वाद जी जिन्दगी ...खाए जा रहा हूँ 
मै बस जीने की अपनी भूख, मिटायें जा रहा हूँ |

तुझ को देख  कर किया था वादा हमेशा मुस्कराने का 
बस वोही  अधूरी मोहब्बत अब तक निभाए जा रहा हूँ 
तेरे बिना बेस्वाद जी जिन्दगी ...खाए जा रहा हूँ |


चाँद को देखा नहीं , तेरे चेहरे को देखने के बाद
चांदनी रात में सिर्फ , तारों से काम चला रहा हूँ 
तेरे बिना बेस्वाद जी जिन्दगी ...खाए जा रहा हूँ |
यूँ अकेले अकेले जीना भी कोई  जीना है ? 
जिन्दा हूँ... खुद को भरमाये जा रहा हूँ 
तेरे बिना बेस्वाद जी जिन्दगी ...खाए जा रहा हूँ 
मै बस जीने की अपनी भूख, मिटायें जा रहा हूँ |

No comments:

Post a Comment