Sunday 14 February 2016

अक्सर देखा है मोहब्बत को नाकाम होते हुये

अक्सर देखा है मोहब्बत को नाकाम होते हुये,
साथ जीने के वादे किए, फिर तनहा रोते हुये,
यूँ ही देखा है बचपन की दोस्ती को बूढा होते हुये,
ना किए कभी वादे, पर हर वादे को पूरा होते हुये..!!

ये तमन्ना है कि मेरी ज़िन्दगी में आओ,
और मुझसे मोहब्बत न करो,
ये इल्तज़ा है कि मेरे दोस्त बन जाओ,
और मुझसे मोहब्बत न करो......॥

जो हमेशा साथ निभाए..वो तो बस दोस्ती है,
जो कभी ना रूलाए..वो तो बस दोस्ती है..!!

उड़ा दिये हैं

उड़ा दिये हैं, हमनें अरमानों को परिंदों की तरह...
जो नज़र आ जाएं किसी को गले से भी लगा लेना...

सारी रौशनी कर दी है रुख्सत समेट कर हमनें...
छुपा सको जो इनको ,अंधेरों में भी छुपा लेना...

नज़रअंदाज़ करना है, तो दिन का इन्तेजार क्यों...
सितारा टुटा हुआ समझना जमीं से भी उठा लेना...

बहुत है भीड़ दुनियां में कमी है फिर भी अपनों की...
मुझे अपना भी गर समझो, गले से भी लगा लेना..