Wednesday 13 November 2013

इतनी मुद्दत बाद मिले हो किन सोचो में गुम रहते हो

इतनी मुद्दत बाद मिले हो
किन सोचो में गुम  रहते हो...
तेज हवा ने पूछा मुझसे
रेत  पे क्या लिखते रहते हो...
इतनी मुद्दत बाद मिले हो
किन सोचो में गुम  रहते हो...
कौन सी बात है तुममे ऐसी
इतनी अच्छी क्यों लगती हो...
इतनी मुद्दत बाद मिले हो
किन सोचो में गुम  रहते हो...
हमसे न पूछो हिज्र के किस्से
अपनी कहो अब तुम कैसे हो...
इतनी मुद्दत बाद मिले हो
किन सोचो में गुम  रहते हो....