Sunday 21 December 2014

कितनी पी कैसे कटी रात

कितनी पी कैसे कटी रात मुझे होश नहीं,
रात के साथ गई बात मुझे होश नहीं

मुझको ये भी नहीं मालूम कि जाना है कहॉं
थाम ले कोई मेरा हाथ मुझे होश नहीं

ऑंसूओं और शराबों में गुजारी है हयात
मैं ने कब देखी थी बरसात मुझे होश नहीं

जाने क्‍या टूटा हे पैमाना कि दिल है मेरा
विखरे-विखरे है खयालात मुझे होश नहीं

- डा0 राहत इन्‍दौरी साहब

अब सवाल होना चाहिए

क्यों रहे वादे अधूरे ,अब सवाल होना चाहिए
बात सीधे न बने तो ,बवाल होना चाहिए
दर्द का परिहास जब ,होने लगे दरबार में
आँख में आँसू नही तब ,काल होना चाहिए
देश के ये रहनुमा ,इसको कहाँ ले जायेंगे
जिनकी फितरत है कि ,मालामाल होना चाहिए
हर समय ये पीठ अपनी ,थपथपाते रह गये
अपनी करतूतो पे जिनको ,मलाल होना चाहिए
किसकी शिकायत हो ,किससे शिकायत हो
चमन तो उनसे लुटा ,जिन्हे ढाल होना चाहिए
आँसुओ के संग ,अब सपने कही बह जायें न
कुछ नया संकल्प ले ,कुछ कमाल होना चाहिए

जिसने भी की मुहब्बत

जिसने भी की मुहब्बत, रोया जरूर होगा।
वो याद में किसी के खोया जरूर होगा।

 
दिवार के सहारे, घुटनों में सिर छिपाकर ,
 

वो ख्याल में किसी के खोया जरुर होगा।
 

आँखों में आंसुओ के, आने के बाद उसने, 
धीरे से उसको उसने, पोंछा जरुर होगा।
जिसने भी की मुहब्बत, रोया जरूर होगा

Friday 11 July 2014

अभी सूरज नही डूबा


अभी सूरज नही डूबा जरा सी साम होने दो ,
मै खुद ही लौट जाऊंगा मुझे नाकाम होने दो ।


मुझे बदनाम करने के बहाने ढूढ़ते हो क्यों ,
मै खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले नाम होने दो ।

अभी करना नही ऐतराफ-ए-शिकायत मुझको ,
मै सब तस्लीम कर लूँगा ये चर्चा आम होने दो ।

मेरी हस्ती है अनमोल फिर भी बिक नही सकता ,
वफायें बेच लेना पर जरा नीलाम होने दो।

नये आगाज में ही हौसला क्यों हार बैठे हो ,
जीत जाओगे तुम सब कुछ जरा अंजाम होने दो ।।

Wednesday 13 November 2013

इतनी मुद्दत बाद मिले हो किन सोचो में गुम रहते हो

इतनी मुद्दत बाद मिले हो
किन सोचो में गुम  रहते हो...
तेज हवा ने पूछा मुझसे
रेत  पे क्या लिखते रहते हो...
इतनी मुद्दत बाद मिले हो
किन सोचो में गुम  रहते हो...
कौन सी बात है तुममे ऐसी
इतनी अच्छी क्यों लगती हो...
इतनी मुद्दत बाद मिले हो
किन सोचो में गुम  रहते हो...
हमसे न पूछो हिज्र के किस्से
अपनी कहो अब तुम कैसे हो...
इतनी मुद्दत बाद मिले हो
किन सोचो में गुम  रहते हो....




Wednesday 30 October 2013

आँखों में आंसू होठो में प्यास आज भी है

Ankho me ansu hotho me pyas aaj bhi hai,
Tere juda hone ka mujhe ehsaas aaj bhi hai,
tu chali gayi dur hamesha hamesha k liye,
magar is dil ko teri talash aaj bhi hai.
Armaan jo tujhse milke ham sajate the,
chahat k diye jo bujhate jalate the,
tera naam sunke mahkti ye sans aaj bhi hai,
tere juda hone ka mujhe ehsaas aaj bhi hai.
mohabbat ki chahat me hamne dil jala dala,
tujhe hasane k liye hamne khud ko rula dala,
pata haai q?? kyuki tu khas aaj bhi hai,
tere juda hone ka mujhe ehsaas aaj bhi hai.
tu chali gayi dur hamesha hamesha k liye,
magar is dil ko teri talash aaj bhi hai.



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Tuesday 15 October 2013

किसी की याद का जंगल है भागे जा रहा हु मै

किसी की याद का जंगल है भागे जा रहा हु मै
जो किस्मत में नहीं है उसको मांगे जा रहा  हु मै
दुल्हन बनकर किसी की वो कही पर सो रही होगी
मगर मुद्दत हुई है अब भी जागे जा रहा हु मै